शुक्रवार, 24 जून 2011

कविता -सपनों में खो गया

सपनों में खो गया 
एक दिन की हम बात बताते ,
अध्यापक जी हैं हमको पढ़ाते....
एक बार मुझे क्या हो गया ,
मैं अपने सपनों में खो गया .....
जैसा की अध्यापक ने पढाया ,
मैं उसको अपने ऊपर से उड़ाया.....
अध्यापक जी हमको पढ़ाते हैं,
 हम अपने सपनों में खो जाते हैं ......
लेखक - ज्ञान कुमार 
कक्षा -८ अपना घर ,कामपुर

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