रविवार, 22 जनवरी 2012

कविता : कुछ बातें

 कुछ बातें 

अग्नि से प्यार नहीं करना ,
जल से खिलवाड़ नहीं करना .....
पराये को अपना समझना नहीं,
दुश्मन को दोस्त समझना नहीं ......
यारों की गलियों में जाना नहीं ,
बुरी आदतों को अपनाना नहीं .....
जगते हुये को सुलाना नहीं ,
 हँसते हुये को रुलाना नहीं .....
जिन्दगी के इस अमूल्य समय को,
तुम यूँ बर्बाद होने देना नहीं .......

लेखक : हंसराज कुमार 
कक्षा : 8 
अपना घर  

1 टिप्पणी:

आनन्द विश्वास ने कहा…

हंस राज,
अति उत्तम.
बहुत अच्छा ज्ञान एकत्रित किया है
( हँसते हुये को रुलाना नहीं ) तो ठीक है
पर साथ ही साथ रोते हुए को हँसाना भी तो जरुरी है
अच्छा प्रयास.
आनन्द विश्वास.