शनिवार, 7 जनवरी 2012

कविता - मानव अधिकार

कविता - मानव अधिकार 
 आज का नहीं यह संसार हैं ,
आज हैं मानव अधिकार हैं......
 जिसने मनाया जश्न विश्व   मानव   अधिकार का ,
 उसे यही नहीं पता होता क्या हैं मानव अधिकार .....
मानव अधिकार में मानव अपने ढंग से जीते हैं ,
 मानव अधिकार मानव के लिए होता हैं ......
 लेखक - चन्दन कुमार
 कक्षा - 6  अपना घर कानपुर

कोई टिप्पणी नहीं: