शनिवार, 28 अप्रैल 2012

कविता :-मौसम नें बदला मिज़ाज

मौसम नें बदला मिज़ाज
मौसम नें बदला मिज़ाज....
बादलों नें आसमां को दिया साज,
हवा चल रही है, अपने धुन में....
पेड़ों की डाली हिलाए संग में,
खेतों में गेंहू की बाली लहलहाती....
जो किसान के मन को भाती,
मन ही मन सोंचता और कहता....
अन्न से भर दे कोठी दाता,
कहीं धुप है, कहीं छाँव है....
बागों के बीच गाँव है,
हमको लगता है, सबसे प्यारा....
जो है गाँव हमारा,
इस मौसम में यदि पानी बरसा....
बड़े जोर की ठण्ड पड़ेगी सहसा,
ये है मौसम का मिज़ाज...
कोई न जाने कब कर ले, सब पर राज,
नाम :आशीष कुमार 
कक्षा :9 
अपना घर