मंगलवार, 1 मई 2012

कविता :-वादों को पूरा करना

वादों को पूरा करना 
अब तो ख़त्म हो गई....
चुनावों की चहल पहल,
अब तो नेता बन गए हैं....
युवा अखिलेश जी,
जनता के सपने पूरा करेगें....
अपने वादों को नहीं वो भूलेगें,
कहाँ कितना खर्च करना....
उनको है लगाना हिसाब,  
अब तो ख़त्म हो गई....
चुनावों की चहल पहल,

नाम :ज्ञान कुमार 
कक्षा :8 
अपना घर 

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