गुरुवार, 3 मई 2012

कविता :-किसी को कुछ याद नहीं

किसी को कुछ याद नहीं 
वृक्ष बड़े कोमल होते है....
ये भी मानों जैसे रोया करते है,
फर्क खाली इतना है कि.... 
ये सभी दुखों और सुखों में शामिल होते है,
इंसान की तरह नहीं कि रूठ जाते....
और किसी के यंहा जाया ही नहीं करते,
यही बड़ी इनकी खासियत की पहचान है कि....
ये किसी को दुःख देते नहीं,
इंसान भी क्या इन्सान है....
वृक्षों की उनको कोई परवाह नहीं,
जब मर्जी उनको गिरा दिया करते है....
यह उनको तो पता नहीं कि,
वृक्षों से ही यंहा इंसान है....
यह किसी इंसान को याद ही नहीं है, 
नाम :अशोक कुमार
कक्षा:9
अपना घर  

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