रविवार, 24 जून 2012

शीर्षक :- ट्रैफिक जाम

शीर्षक :- ट्रैफिक जाम 
ट्रैफिक -ट्रैफिक -ट्रैफिक....
मेरे शहर का कैसा है, ट्रैफिक,
शहर में लगा रहता है, जाम....
नहीं हो पाते महत्वपूर्ण काम,
जहाँ देखो वहीँ हैं, गाड़ियाँ....
आदि तिरछी लगी हैं, गाड़ियाँ,
सिग्नल देख नहीं है, कोई चलता....
गाड़ी आने पर नहीं कोई रुकता,
गाड़ी जोर से भगा ले जाते....
इसलिए कोई ट्राफिक का पालन नहीं कर पाते,
ट्रैफिक का पालन सभी लोग करने लगेंगे....
गाड़ियों का जाम बंद हो जायेगा,
ट्रैफिक -ट्रैफिक -ट्रैफिक....
मेरे शहर का कैसा है ट्रैफिक,

कवि : मुकेश कुमार 
कक्षा : 11
अपना घर 

1 टिप्पणी:

अजय कुमार झा ने कहा…

बहुत ही सुंदर कविता