रविवार, 1 जुलाई 2012

शीर्षक :- जिन्दगी जीने का तरीका

शीर्षक :- जिन्दगी जीने का तरीका 
एक बार की बात है। एक किसान के घर में एक बच्चा पैदा होता है। तो उस दिन  उस किसान के घर में खुशियों का माहौल होता है। जब बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है। तो किसान सोंचता है कि मैं इसे पढ़ा-लिखा कर एक बड़ा आफिसर बनाऊंगा। जिससे इसका नाम संसार में लोग जानेंगे, फिर क्या वो किसान अपने बच्चे को शिखर तक पहुँचाने में जुट गया। इस काम में उसे बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। पर उसका बेटा एक दिन आफिसर बन जाता है। और उसका बेटा रोज काम पर जाता है। काम करके लौट आता है। उसे आफिसर बनने का मन नहीं था। पर क्या करे, घर वालों का प्रेशर था। कि नहीं तुम्हे आफिसर ही बनना है। एक दिन वो अपने कमरे में उदास बैठा था। और सोंच रहा था। कि ये दुनिया संसार और ये अम्बर ये सब क्या है ? और ये दुःख-सुख चोरी ये भ्रष्टाचारी ये तमाम सारी चीजें क्या है ? ये बातें सोंच कर वो उदास बैठा था। तभी उसके पापा उस कमरे में आए और पूछने लगे बेटा क्या हुआ ? तब वो अपने पापा से पूछा पापा ये दुनिया संसार और ये अम्बर ये सब क्या है? इस प्रश्न का जवाब जब उसको आता तब अपने बेटे को दे पता उस समय तो किसान सोंचने लगा बात तो सही कह रहा है। पर किसान इस बात को ताल देता है। और कहता है, ये सब बातें छोडो और अपनीनौकरी पर ध्यान दो इस बात से लड़के को बुरा लगा। वह अपने पिता से बोला पिताजी मैं नौकरी नहीं करूँगा। इस बात पर उसके पापा को गुस्सा आ गया और अपने लड़के को घर से बाहर कर दिया। और कहा जब तुम्हारा मन नौकरी में लगे तब ही आना नहीं तो नहीं आना लड़का बोला ठीक है। और अपना सामान लिया और घर से बाहर चला गया। और अपने प्रश्न का उत्तर ढूढने के लिए रात दिन एक कर दिया। वो जहाँ भी गया वहां चोरी, बेईमानी और भ्रष्टाचारी जैसा माहौल देखा पर वो थका नहीं। और मन में कहा हो सकता है यहाँ नहीं तो दूसरी जगह इस सवाल का उत्तर मिलेगा वो दूसरी जगह गया वहां उसे घर, खाना सब मिल गया पर वहां भी चोर, बेईमानी और भ्रष्टाचारी लोग ही मिले अंत में वो घूम-घूम कर थक गया। और कहने लगा ये दुनिया संसार और ये अम्बर ये सब क्या है ? इसका उत्तर नहीं मिला। और ये चोरी भ्रष्टाचारी क्या होती है इसका उत्तर मिल गया लगता है इन प्रश्नों का उत्तर यहाँ नहीं है। यह सोंच कर अपनी आखें बंद कर ली। और कहा कि मनुष्य लोंगो के लिया चोरी भ्रष्टाचारी ही संसार ,प्रथ्वी और अम्बर है। सही मायने में ये सबसे बुरी जगह है। यहाँ जो भी जीव-जन्तु जन्म लेते है। तो इस पृथ्वी इस संसार इस अम्बर के लिए कुछ कर के नहीं जाते है। और पापी जैसे काम जरुर सीख लेते है। धीरे-धीरे वो लड़का बूढ़ा हो जाता है। और आखिरी में कह जाता है। कि मैं इसी कीचड़ में रहकर अपनी जिन्दगी गुजार दिया हूँ और आप लोंगो से गुजारिस है। कि इस संसार में जन्म न ही लें तो बेहतर होगा लोगों से प्रार्थना करता हूँ। कि इस पाप से भरे संसार में अपनी प्यार भरी संतान को जन्म न दें और यदि दें भी तो इन पापों से भरी गली से दूर रखे। इतना कहते कहते वो अपना दम तोड़ देता है पर उसे अपने प्रश्न का जवाब नहीं मिला।

शिक्षा :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है। कि किसी को दबाव में रहकर करने की इजाजत न दें और उचित शिक्षा का महत्व बच्चों को समझाये एवं अपने बच्चों को हर चीज का मतलब बताना चाहिए। संसार प्रथ्वी और अम्बर का सही मतलब एवं संसार में कितने प्रकार के काम, लोग इन के बारे में बताइए फिर उसे नौकरी के लिए प्रेशर देना चाहिए। अगर हम ऐसा करते है, तो हम एक बेहतर समाज बना सकते है। 

लेखक :- सागर कुमार  
कक्षा :- 9 
अपना घर  

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