बुधवार, 22 अगस्त 2012

शीर्षक :- एक प्रभात

शीर्षक :- एक प्रभात 
प्रभात होते ही रवि किरणे हम देखते है....
शीतल मंद एवं सुगन्धित हवा हम लेते  है,
इससे ठीक रहता है हमारा स्वास्थ....
मेरे मन की है जिज्ञासा,
हवा न हो तो क्या होगा?.... 
जीवन क्या संभव होगा?,
थोडी ही देर  मे....
फेफड़ा फूलने लगेगा,
इससे हमें यह चलता है पता....
जीवन के लिए आवश्यक है हवा,
कवि:- चन्दन कुमार
कक्षा:- 7 
अपना घर

कोई टिप्पणी नहीं: