शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

शीर्षक :- सपने

शीर्षक :- सपने
सपनों को साकार किये। 
आखों में एक आस  लिए।। 
वे आगे बढ़ते जाते है।
इच्छा अपने पास लिए।।
इच्छा बिना पूरी उनकी।
सब अधूरा सा लगता है।। 
जब तक न हो लक्ष्य तो। 
सब कूड़ा सा लगता है।। 
कवि:- सोनू कुमार 
कक्षा:- 11
अपना घर 

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