बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

शीर्षक : यह देश का हाल है

शीर्षक : यह देश का हाल है 
यह देश का हाल  है ,  जनता तो  बेहाल है ।
नेताओं की मनमानी है , जनहीत में आनाकानी है ।
दंगे और लड़ाई से इनको प्रॉफिट है ,
    आगे पीछे  चमचे इनकी बुलेट प्रूफ जाकिट है ।
सुनते है जब कि यहाँ घटना घटी ,
 चले जाते हैं वहां घूमते ,
और साथ में ' दैनिक जागरण ' में फोटो खिचवाना भी  भूलते   ।
  इनका तो यही व्यापार  है,
तभी तो इनके पास चार बंगले और  सफारी कार है ।
आते है जब चुनाव निकट ,
बनते है ऐसे जैसे गरीब ये हैं हम नहीं ।
और  जीतकर 10,000 वोटो से 
समझते हैं कि हम ओबामा से कम नहीं ।
ऐसे लोगों को इस देश से भागना है ,
भ्रस्ताचार को मिटाना है ।
इस देश को पूर्ण स्वतंत्र बनाना है ।
नाम : संजय कुमार 
कक्षा : 12

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