रविवार, 16 दिसंबर 2012

शीर्षक : उसी पथ से गुजरना है

उसी पथ से गुजरना है 
आसान समझ कर देखो तो ,
हर पथ सरल है ,
उसमे चल के देखो तो ,
हर मोड़ पर पर्वत है ,
उसी मोड़ पर ,
एक और मोड़ है ,
उसमे भी पर्वत की दीवाल है ,
पर उनके लिए ,
हाथो में मजबूती की जरूरत है ,
वह मजबूती दिखाने की नहीं ,
किसी को डराने को नहीं ,
वह हाथो को हाथो मे ,
ल्र्कत चलने वाली है ,
जरूरत हमें इसी की है ,
फर्क खाली इतना है की ,
स्नेह और प्यार को चलना है ,
एक ही पथ से गुजरना है ,
हाथो को हाथो में ,
लेकर चलना है ,
नाम : अशोक कुमार 
कक्षा : 10
अपना घर , कानपुर 

कोई टिप्पणी नहीं: