शनिवार, 13 मई 2017

कविता : बच्चे

 " बच्चे " 

बच्चे ही जाने ममता का प्यार,
बच्चे ही जाने मां का संसार | 
हर पल मां रखती हैं ध्यान,
 बच्चे ही समझे मां हैं भगवान|  
बच्चें है भविष्य यहाँ के, 
बच्चे सजायगें भविष्य यहाँ पे| 
 बच्चों की कोई बात नहीं ,
 खेलते और शरारत करतें 
 यही उनकी आदत है बनती | 

कवि : नितीश कुमार ,कक्षा : 7th ,अपनाघर 

कवि परिचय : यह हैं नितीश कुमार | ये बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर का बेटा है | अपनी पढाई पूरी करने के लिए अपना घर हॉस्टल में रहते है | इनको कविता लिखने का बहुत शौक है|  कक्षा 7th के छात्र हैं | नितीश फूटबाल के दीवाने है | लिओन मेसी  के फैन है | नितीश को डांस करना बहुत पसंद है| हमें उम्मीद है कि आपको नितीश  की रचनाएँ पसंंद आएँगी 

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