शनिवार, 27 जनवरी 2018

कविता : दोस्ती का भी क्या कहना

" दोस्ती का भी क्या कहना "

ये दोस्ती का भी क्या कहना,
दोस्त बनाकर हमको है रहना | 
हर खतरों के मोड़ पर, 
साथ है हमको चलना | 
हर छोटी सी चीज को, 
मिल बांटकरहै खाना | 
ये दोस्ती का भी क्या कहना,
दोस्त बनाकर हमको है रहना |   
नाम : कुलदीप कुमार , कक्षा : 6th , अपनाघर



कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपनाघर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | खेल कूद में भी बहुत रूचि रखते हैं | हमेशा कुछ करने के लिए एक्टिव रहते हैं |  

कोई टिप्पणी नहीं: