मंगलवार, 6 मार्च 2018

कविता : चिड़िया की चाह

"चिड़िया की चाह"

एक छोटी सी चिड़िया उड़ना चाहती है, 
इस संसार के आसमान को छूना चाहती है | 
छोटी है पर दिल के हौसले से उड़ना चाहती है,
जिन्दगी के हर रहस्य तक पहुँचना चाहती हैं |  
जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की, 
 उस हर आश्चर्य चीज को जानना चाहती है |
नाउम्मीद अंधेरों से निकलना चाहती है,
 वह हर डर से निडर होना चाहती है |
जिंदगी से लड़कर जीना चाहती है, 
हौसलों के ताकत से उड़ना चाहती है | 

नाम : विक्रम कुमार , कक्षा : 7th , अपना घर


कवि परिचय : विक्रम के चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती है. ये मुस्कान ही इनकी ताकत है, जिसके बल पर यह अच्छी कवितायेँ लिख पाते है | कविताओं के साथ - साथ विक्रम पढाई में भी बेहतर स्थान लाते है. | 

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